धन्य अशांति कैसे होने वाला सबसे बड़ा आंदोलन विश्व में आया, और कोई यह क्यों नहीं देख सकता था यह मेरा विश्वास है कि हम एक आंदोलन का हिस्सा हैं जो अधिक से अधिक गहरा और व्यापक है जो हम खुद नहीं जानते हैं या पता कर सकते हैं यह कुल मिलाकर मीडिया के रडार के अधीन होता हैं यह अहिंसक और जमीनी स्तर पर होता है इसके कोई क्लस्टर बम, सेना और हेलीकाप्टर नही होते इसके कोई केंद्रीय विचारधारा नही होती यह किसी भी पुरुष के नियंत्रण में नहीं है यह एक अनाम आंदोलन है ... और आप इसे कह सकते हैं ... अनाम आंदोलन (हंसते हुए दर्शक ताली बजाऐ) यह दुनिया का सबसे विविध आंदोलन है मुझे लगता है कि आंदोलन को भी यह वर्णन छोटा है किसी ने भी इस विश्व दृष्टि की शुरुवात नहीं की है | इसके लिए कोई उत्तरदायी भी नहीं है ये परंपरागत भी नहीं है, ये विश्वव्यापी, वर्गहीन , अशमनीय और अथकनिय है | इस साझा की समझ सहज उत्पन्न होने वाली है विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों, संस्कृतियों, क्षेत्रों और साथियों से यह दुनिया भर में बढ़ रही है बिना किसी अपवाद के इसके बहुत से जड़ है लेकिन मुख्य रूप से मूल स्वदेशी संस्कृति, पर्यावरण और सामाजिक न्याय आंदोलन हैं उन तीनों क्षेत्रों और उनके उप क्षेत्रों बीच आकर बढ़ावा दे रहे है और ध्यान भंग कर रहे है यह सिफः संसाधन या अन्याय के बारे मे नही है यह मूल रूप से एक नागरिक अधिकार आंदोलन है एक मानव अधिकार आंदोलन यह एक लोकतंत्र आंदोलन है यह आने वाले है विश्व मे आप यहाँ जो देख रहे हैं एक शुरुआत है दुनिया में 130000 न्यूनतम संगठनों की जो सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय के लिए काम करते हैं और वह कम से कम है इसके 250,000 समूह हो सकता है, यह 500000 समूह हो सकता है इन नामों को पढ़ें. वे आप के लिए उनमें से ज्यादातर अपरिचित हैं. मुझे यकीन है हम नहीं जानते कि यह कितना बड़ा आंदोलन है यह समानता और समुदाय तथा सहजीवन द्वारा चिह्नित है यह भगवान है. यह माँ है यह जगाने के लिए वापस अप बात कर रही पृथ्वी है तुम स्क्रीन पर जो देख रहे अपने परिजनों है तथा आपको बताने के लिऐ कि यह कितना बड़ा आंदोलन है अगर मैं शुक्रवार सुबह इस टेप को शुरू कर देता, जब यह सम्मेलन शुरू हुआ और अगर हम पूरे दिन यहाँ बैठो, शुक्रवार और शनिवार सारा दिन रविवार, सारी रात आज की रात तथा पूरे सोमवार हम अभी भी दुनिया में सभी समूहों के नामों का नहीं देखा होगा ..... हम कौन हैं यह बहुत नया है, हम इसे नहीं पहचान सकते हैं हम सेनाओं और सरकारों और युद्ध और चर्च और धर्म साथ परिचित हैं लेकिन जो हम कर रहे हैं उसकी कोई भी मिसाल नही है तुम क्या बना रहे हो पूरी तरह से अनजान है यह हर जगह है इसका कोई केन्द्र नही है कोई एक प्रवक्ता नही है यह पृथ्वी के हर देश और शहर में है यह हर जनजाति, हर जाति, हर संस्कृति और दुनिया में हर जातीय समूह के भीतर है इस धरती पर पहली दफा है कि एक शक्तिशाली गैर वैचारिक आंदोलन उत्पन्न हो गया है 20 वीं सदी की अवधि के दौरान धर्म जैसे बड़े विचारधाराओं की पूजा थी वे हमारे विश्वासों पर हावी इसलिए यह गति इतनी है जिसे आपको सोमवार रात तक यहाँ नहीं रहना पङे बड़ी विचारधाराओं ... पूंजीवाद, समाजवाद, साम्यवाद पर हावी थे एड हंट के शब्दों में, "विचारधाराओं कवच पहने पृथ्वी का पीछा कर रही थी " वे हमारे दिमाग और भूमि के नियंत्रण के लिए लड़ी और यह काफी नहीं था और हमें बताया गया कि मुक्ति एक सिस्टम के प्रभुत्व में पाया जाएगा यह वह जगह है जहां मुक्ति मिल जाएगी हम जानते हैं कि जीव के रूप में, हम जानते हैं कि सामुदायिक आयोजक के रूप में हम परिस्थिति के रूप में जानते हैं यह विविधता में पाया जाता है यह आंदोलन है मानवता प्रतिरोध के प्रतिरक्षा और ठीक प्रतिक्रिया करने का... राजनीतिक रोग, आर्थिक और पारिस्थितिक विचारधाराओं संक्रमण के कारण होता भ्रष्टाचार इसलिए यह हमे तय करना है कि ... हम कैसे होगा? हम कौन हो सकता है? यह वही है जो हम बना रहे है क्षमता को जवाब इस बारे में संभावनाओं और समाधान की मानव जाति जानता है कि क्या करना है (दर्शकों की तालियां) Subtitle By: Yatin Thakur